खुदा अपना भी तो है यारो !
खुदा तुम्हारा तो खुदा अपना भी तो है यारो,
खुदा के वास्ते, खुदा का नाम तो न बिगाड़ो!
मज़हबी जुनून जीने के लिये अच्छा नहीं है,
आपसी लड़ाई में खुदा को गर्द में न उतारो !
नहीं मालूम कहाँ से आये, कहाँ चले जायेंगें,
कम से कम जहाँ में कोई जिंदगी तो सवारो!
अपना घर बसे या उजड़े, खुदा की मर्जी है,
किसी का घर तुम बेवजह तो न उजाड़ो !
सोच अपनी-अपनी, कर्म भी अपने-अपने,
अपनी-अपनी जिंदगी को चैन से गुजारो !
3 Comments:
खुदा तुम्हारा तो खुदा अपना भी तो है यारो,
खुदा के वास्ते, खुदा का नाम तो न बिगाड़ो!
-बहुत उम्दा!!
बहुत अच्छा लिखा...अच्छे विचार हैं आपके।
बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण
---आपका हार्दिक स्वागत है
गुलाबी कोंपलें
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