अपनी राह चलो!
लोग
तुम्हे क्या समझते हैं
वो
इतना महत्वपूर्ण नही
जितना महत्वपूर्ण ये है
कि
तुम खुद को
क्या समझते हो
नहीं तो
तुम अपना
अस्तित्व भी
खो दोगे
और जो तुम हो
वो भी
नहीं रहोगे
जो तुम
बनना चाहते हो
बन नहीं पाओगे
जो तुम
कहना चाहते हो
कह नहीं पाओगे
करना चाहते हो
कर नहीं पाओगे
इसलिये
अपनी मंजिल पाने को
अपनी राह
चलते रहो
रस्ते खुद-ब-खुद
तुम्हारे साथ चलेंगें
लोग खुद-ब-खुद
तुम्हारी बात सुनेंगें
और
तुम्हारी बात करेंगें
और फिर स्वयँ ही
तुम्हारे पीछे चलेंगें!
2 Comments:
अद्भुत प्रेरणा दायक कविता....सर, आपका साहित्य सृजन बहुत से लोगों को न सिर्फ़ रास्ता दिखायेगा अपितु उनमें आत्मविश्वास भर देगा....आपको मेरा साधुवाद.
एक बार फिर आपका धन्यवाद । मैं ऐसे ही कोशिश करता रहुँगा ।
Post a Comment
<< Home