कितने रावण?
ऐ रावण,
यदि तुम तक
मेरी आवाज
पहुँच रही हो तो
मेरा एक संशय
दूर कर दो
तुम्हारा तो
राम ने
वध किया था
फिर से
कैसे
जीवित हो जाते हो?
यदि ऐसा नहीं तो
हर वर्ष
तुम्हारा पुन:
वध कर
क्यों जलाया है तुम्हे?
और फिर
कैसे
पुन: जीवित हो उठते हो?
तुम्हारे तो केवल
दस सिर थे!
कहाँ से लाते हो
इतने सिर
जिसे आज का
हर व्यक्ति
उठाए घूम रहा है
अपने कांधे पर
तुम्हे तो
मै फिर भी
मार लूंगा
पर
उनका क्या करूँ
जो
तुम्हारा सिर लगाये
विचर रहे हैं
राम की
वेशभूषा में
यहाँ-वहाँ!
जहाँ-तहाँ!!
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