मुझे
आँख बंद किये
पड़े रहने देते
अंधेरे में ही - ऐ सूर्य
इन आंखों में
इतनी ताकत तो है
कि झेल जाएं
चकाचौंध ताप की तेरे
पर अभयस्त नहीं हुई ये
अभी तक
रात की कालिमा से
लथपथ
हर रोज/हर पल
आदर्शों को
दम तोड़ते देखने की
इसलिये असहाय
आंख बंद करने के सिवा
और कोई
चारा भी तो नहीं
तो क्यों
मुझे
मेरी ही नजर में
कायर साबित करने पर
तुले हुए हो - ऐ सूर्य
मुझे आंखें बंद किये
पड़े रहने देते
अंधेरे में ही - ऐ सूर्य
अंधेरे में ही
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