शुक्रिया जता कर, एहसान चुकता कर दिया,
दो लफ्जों में ही था हिसाब पूरा कर दिया ।
शोर करते थे बहुत, कर देंगें ये, कर देंगें वो,
वक्त पड़ने पर तो मुश्किलों को दूना कर दिया ।
साजिशों से भर चुकी राहों पे चलना था मुहाल,
तूने भी कर अलविदा, राहों को सूना कर दिया ।
गौर फरमायेंगे क्या, जो अपने में मशगूल हों,
आँसुओं ने ग़म को अपने थोड़ा हल्का कर दिया ।
है ‘अनिल’ बर्बाद, अब आबाद क्या होना सनम,
अपनों ने बर्बादी में खासा इज़ाफा कर दिया ।
1 Comments:
nice
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