कद!
title="चिट्ठाजगत अधिक्रत कड़ी">
मैं अपने स्थान पर खड़ा हो
अपना कद नापने की
कोशिश में लगा रहा
इस कोशिश में
मैं यह भी न देख पाया
कि मेरे आसपास के लोगों का कद
मेरे से ऊँचा उठता जा रहा है
और मैं शनै: शनै:
बोना होता जा रहा हूँ
शायद मैं अपनी ही नज़र में
खुद को पहचान पाना
भूल गया हूँ
जब नज़र उठा कर देखा
तो मैंने खुद को
अपनी ही नज़र में
बौना पाया
अपना कद जब
दूसरों की मानिंद
छोटा पाया
तो ही
खुद को खुद की नज़र से
पहचान पाया!
0 Comments:
Post a Comment
<< Home